Priyanka Verma

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता - सपनों की एक दुकान

मेरे सपनों की दुकान


हां, मेरे पास भी है एक
सपनों की दुकान,
जिनको सच करने की खातिर,
भरनी होगी मुझे, ऊंची उड़ान,

खुली हुई आंखों के सपने, 
कड़ी मेहनत मांगते हैं,
कदम कदम पर मिलते पत्थर,
हिम्मत कसके जांचते हैं,

रंग बिरंगे, उजले सुनहरे
दुकान भरी है सपनों से,
मैं भी ठान चुकी हूं अब
नही डिगना है लक्ष्य से।।

प्रियंका वर्मा
23/10/२३



   8
4 Comments

Mohammed urooj khan

25-Oct-2023 12:24 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

Reply

Gunjan Kamal

25-Oct-2023 08:34 AM

👏👌

Reply

Abhinav ji

24-Oct-2023 07:31 AM

Very nice 👍

Reply